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Republic Day Prade: बुधवार को पूरे देश ने 73वां गणतंत्र दिवस बेहद धूमधाम से मनाया. इस मौके पर हर साल की तरह राजधानी दिल्ली के राजपथ पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी में देश की ताकत और संस्कृति को झलकाती एक भव्य परेड का आयोजन किया गया. खास बात ये है कि इस साल राजपथ पर आयोजित परेड में सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग-दस्तों और झांकियों को चुनने के लिए आम लोगों को मौका दिया गया है.
सुबह सबसे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल वॉर मेमोरियल यानि राष्ट्रीय समर स्मारक पहुंचकर देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की. उस दौरान पीएम के साथ रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह, रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, रक्षा सचिव, अजय कुमार और सेना के तीनों अंगों यानि थलसेना, वायुसेना और नौसेना के प्रमुख मौजूद रहे.
खास बात ये है कि जिस वक्त पीएम राष्ट्रीय समर स्मारक पर श्रद्धा-सुमन अर्पित कर रहे थे, उसी वक्त एनसीसी के कैडेड्स देश के लिए प्राण की आहूति देने वाले जांबाजों के घर पहुंच कर ‘शौर्य स्मृति चिन्ह’ भेंट कर रहे थे. बुधवार को दिन शूरवीरों के घरों में ही स्मृति चिन्ह भेंट किए गए उनमें करगिल के हीरो, कैप्टन विक्रम बत्रा और गलवान के शेर, कर्नल संतोष बाबू शामिल थे.
राष्ट्रीय समर स्मारक के कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी और सभी गणमान्य व्यक्ति राजपथ पर पहुंचें और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की आगवानी की. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने काफिले और घोड़ों पर सवार ‘प्रेसीडेंट बॉडीगार्ड्स’ के साथ राजपथ पर पहुंचें. इन घोड़ों में एक खास, विराट भी था.
राजपथ पर ध्वजारोहण, राष्ट्रगान और 21 तोपों की सलामी के बाद राष्ट्रपति ने सलामी मंच पर जम्मू कश्मीर पुलिस के एएसआई बाबू राम को मरणोपरांत अशोक चक्र प्रदान किया. वर्ष 2020 में आतंकियों से लड़ते हुए वीरतगति को प्राप्त हुए एएसआई बाबूराम की पत्नी रीता रानी ने शांति काल में वीरता का सबसे बड़ा पदक ग्रहण किया.
अशोक चक्र प्रदान करने के बाद वायुसेना के चार मी17वी5 हेलीकॉप्टर राजपथ के आसमान में पहुंचें. इन हेलीकॉप्टर में से एक पर तिरंगा लगा था और बाकी तीन पर सेना के तीनों अंगों (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) के झंडे थे. इन हेलीकॉप्टर ने राजपथ पर मौजूद दर्शकों पर आसमान से फूलों की बरसात की. इसके साथ ही 26 जनवरी की परेड की शुरूआत हो गई.
हेलीकॉप्टर की पुष्प-वर्षा के तुरंत बाद परेड कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल विजय कुमार मिश्रा और परेड के सेकेंड इन कमान, मेजर जनरल आलोक कक्कड़ के पहुंचने के बाद परेड विधिवत रूप से शुरू हुई. इस साल से परेड सुबह 10.30 बजे शुरू हुई. हर साल 10 बजे शुरू होती थी. लेकिन मौसम को देखते हुए परेड को आधा घंटा लेट कर दिया गया था.
राजपथ पर सबसे पहले देश के परमवीर चक्र विजेता और अशोक चक्र विजेता खुली जिप्सी से पहुंचें और राष्ट्रपति को सलामी दी. इस साल परमवीर चक्र विजेता बाना सिंह किन्हीं कारणों से राजपथ पर नहीं पहुंच सके थे. इसके बाद सेना की 61-कैवलरी के घुड़सवारों का दस्ता पहुंचा, जो दुनिया की एकमात्र कैवलरी रेजीमेंट है.
73वें गणतंत्र दिवस परेड में इस साल भारतीय सेना की ताकत तो दिखाई दी ही साथ ही 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के छक्के छुड़ाने वाले विंटेज टैंक और तोप भी दिखाई पड़े. क्योंकि 1971 युद्ध के पचास साल पूरे हो चुके हैं और देश ने हाल ही में स्वर्णिम विजय-वर्ष मनाया था.
राजपथ पर परेड में सबसे पहले पीटी-76 और सेंचुरियन टैंक आए जिन्होनें 1971 के युद्ध में पाकिस्तानी सेना की धज्जियां उड़ा दी थी. ये विंटेज टैंक अब सेना के जंगी बेड़ा का हिस्सा नहीं है और खासतौर से म्यूजयिम से परेड के लिए बुलाया गया है. हाल ही में देश में ’71 के युद्ध की स्वर्णिम विजय वर्ष मनाया गया था.
इसके अलावा 75/24 विंटेज तोप और टोपास आर्मर्ड पर्सनैल कैरियर व्हीकल भी परेड का हिस्सा बनी. 75/24 तोप भारत की पहली स्वदेशी तोप थी और 1965 और 1971 के युद्ध में हिस्सा लिया था. हेलीकॉप्टर की दूसरी फोर्मेशन चार (04) एएलएच हेलीकॉप्टर की थी, जिसने डायमंड फोर्मेशन बनाई.
विंटेज मिलिट्री हार्डवेयर के अलावा आधुनिक अर्जुन टैंक, बीएमपी-2, धनुष तोप, आकाश मिसाइल सिस्टम, सवत्र ब्रिज, टाइगर कैट मिसाइल और तरंग इलेक्ट्रोनिक वॉरफेयर सिस्टम सहित कुल 16 मैकेनाइज्ड कॉलम परेड में शामिल थे. इस साल सेना के तीनों अंगों और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के कुल 16 मार्चिंग दस्ते राजपथ पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री सहित सभी गणमान्य व्यक्तियों के सामने मार्च पास्ट की और सलामी दी.
इस साल परेड में थलसेना की 61 कैवलरी (घुड़सवार) रेजीमेंट सहित कुल छह मार्चिग-दस्ते थे जिसमें राजपूत रेजीमेंट, असम जैकलाई, सिखलाई, एओसी और पैरा रेजीमेंट शामिल थे. इसके अलावा वायुसेना, नौसेना, सीआरपीएफ, एसएसबी, दिल्ली पुलिस, एनसीसी और एनएसएस के मार्चिंग दल और बैंड भी राजपथ पर दिखाई देंगे. बीएसएफ का ऊंट-दस्ता भी परेड में हर साल की तरह शामिल है.
इस साल परेड में 50, 60 और 70 के दशक की यूनिफॉर्म और उस वक्त के हथियारों (जैसे .303 राइफल) सहित सैनिक मार्च पास्ट करते दिखाई पड़े. दो ऐसी यूनिफार्म थी जो अभी तक सैनिक पहनते आ रहे हैं. इसी महीने आई सेना की नई डिजीटल पैटर्न वाली कॉम्बेट यूनिफार्म में पैराशूट रेजीमेंट के कमांडो कदमताल करते दिखाई पड़े और खूब तालियां बटोरी.
इस साल बीएसएफ का ‘सीमा भवानी’ और आईटीबीपी का दस्ता बाइक पर हैरतअंगेज स्टंट करते दिखाई पड़े. सीमा भवानी बीएसएफ की महिला जवानों का दस्ता है. आईटीबीपी का बाइक दस्ता पहली बार परेड में शामिल हुआ. राजपथ पर इस साल कुल 25 टैब्लो यानी झांकियां दिखाई पड़ी, जिसमें 12 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश, 09 केंद्रीय मंत्रालय और विभाग, दो डीआरडीओ, एक वायुसेना और एक ही नौसेना की शामिल थी.
इस साल राजपथ पर दर्शक-दीर्घा के ठीक पीछे 750 मीटर लंबा खास ‘कला कुंभ’ कैनवास था. इस कैनवास के दो भाग थे जिसपर देश की अलग अलग पैंटिंग और चित्रकारी (मधुबनी, कलमकारी इत्यादि) थीं. ये दोनों कैनवास पिछले कुछ महीनों से भुवनेश्वर और चंडीगढ़ में तैयार किए जा रहे थे. करीब 600 चित्रकारों ने इस कैनवास को बनाने में हिस्सा लिया.
इस साल परेड में स्कूल और कॉलेज के छात्र-छात्राओं के सांस्कृतिक कार्यक्रम की बजाए रक्षा मंत्रालय ने संस्कृति मंत्रालय के साथ मिलकर ‘वंदे भारतम’ कार्यक्रम का आयोजन किया. ये कार्यक्रम राज्यों और जोनल स्तर पर किया गया था जिसमें 3800 युवा कलाकारों ने हिस्सा लिया. इस कार्यक्रम का फिनाले राजधानी दिल्ली में हुआ और 800 कलाकारों का चयन किया गया जिन्हें राजपथ पर नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रम करने का मौका दिया गया.
कोविड प्रोटोकॉल को देखते हुए इस साल गणतंत्र दिवस समारोह में सिर्फ 6000 दर्शक ही थे. पिछले साल करीब 25 हजार लोग राजपथ पर आए थे. लेकिन इस बार कोविड प्रोटोकॉल के चलते संख्या बेहद कम कर दी गई थी. इस साल मार्चिंग-दस्ते हो या राज्यों की झांकियां या फिर वंदे-भारतम में हिस्सा लेने वाले कार्यक्रम सभी के लिए माई-जीओवी डॉट इन पर जाकर अपना वोट देने के लिए अपील की है. वोटिंग के आधार पर ही इस साल झांकियों, मार्चिग-दस्तों और कार्यक्रमों को सर्वश्रेष्ट ट्रॉफी दी जाएगी.
पिछले साल की तरह ही इस साल भी गणतंत्र दिवस परेड में कोई विदेशी मेहमान चीफ गेस्ट नहीं था. लेकिन इस साल आटोरिक्शा ड्राइवर, सफाई कर्मचारी और कोविड वॉरियर्स को खास तौर से राजपथ की दर्शक-दीर्घा में बैठने के लिए आमंत्रित किया गया था. इस बार पूरे राजपथ पर 10 बड़ी एलईडी लगाई जाएंगी ताकि जो लोग सलामा मंच से दूर बैठे थे, वे लाइव देख सकें. करीब 12 बजे राजपथ पर परेड समाप्त हुई और आसमान में थलसेना, वायुसेना और नौसेना का फ्लाई पास्ट शुरू हो गया.
इस साल गणतंत्र दिवस परेड में सबसे बड़ा और भव्य फ्लाईपास्ट हुआ जिसमें वायुसेना, नौसेना और थलसेना के कुल 75 एयरक्राफ्ट ने हिस्सा लिया. इस साल फ्लाईपास्ट में वायुसेना के जगुआर, रफाल और सुखोई फाइटर जेट के साथ साथ नौसेना के पीआई टोही विमान और मिग29के लड़ाकू विमान ने भी हिस्सा लिया. थलसेना की एविएशन विंग के हेलीकॉप्टर भी फ्लाई पास्ट में शिरकत किया. 1971 युद्ध के स्वर्णिम विजय वर्ष के उपलक्ष्य में इस साल फ्लाई पास्ट में दो खास फोर्मेशन पाकिस्तान पर प्राप्त हुई जीत को समर्पित थी.
इस साल कुल 16 फोर्मेशन राजपथ के ऊपर दिखाई पड़ी. फ्लाई पास्ट की सभी फोर्मेशन राजपथ के करीब वॉटर चैनल से करीब 100 मीटर की दूरी पर ये फ्लाई पास्ट आयोजित की गई. राजपथ से करीब 200 फीट की ऊंचाई पर हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी जबकि फाइटर जेट करीब 1000 फीट की उंचाई पर फ्लाई कर रहे थे.
पहली तीन फोर्मेशन हेलीकॉप्टर की थी. पहली थी पांच (05) एएलएच हेलीकॉप्टर की ‘राहत’ फोर्मेशन और दूसरी ‘मेघना’ फोर्मेशन. मेघना फोर्मेशन ’71 के युद्ध को समर्पित है और इसमें एक चिनूक हेलीकॉप्टर और चार मी17वी5 हेलीकॉप्टर होंगे. तीसरी, एकलव्य फोर्मेशन अटैक हेलीकॉप्टर्स की थी जिसमें एक रूसी मी35 हेलीकॉप्टर और चार अमेरिकी अपाचे थे.
फ्लाई पास्ट की अगली फोर्मेशन भी 1971 के युद्ध को समर्पित थी जिसमें एक विंटेज, डकोटा एयरक्राफ्ट और दो डोरनियर एयरक्राफ्ट होंगे. ये ‘टंगैल’ फोर्मेशन बनाई. 1971 के युद्ध में डकोटा एयरक्राफ्ट से ही ढाका के करीब टंगैल में सेना ने एयर-ड्रॉप किया था जिसने पाकिस्तान की हार में आखिरी कील ठोकने का काम किया था. इसके बाद तीन (03) सी-130 हरक्युलिस ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट ने ‘त्राण’ फोर्मेशन बनाई.
‘नेत्रा’ फोर्मेशन में एक अवैक्स टोही विमान और दो-दो सुखोई और मिग29 लड़ाकू विमान होंगे जो ऐरो फोर्मेशन में थी. इस साल कुल सात (07) रफाल लड़ाकू विमान हिस्सा लेंगे. पांच रफाल ‘विनाश’ फोर्मेशन में थे. इसके अलावा एक रफाल, दो जगुआर, दो मिग 29 और दो सुखोई के साथ ‘बाज’ फोर्मेशन में दिखाई पड़े. एक सिंगल रफाल राजपथ के आसमान में ‘विजय’ फोर्मेशन बनाते हुए ‘वर्टिकल चार्ली’ मैन्युवर करता हुआ आया तो तीन (03) सुखोई लड़ाकू विमान ‘त्रिशुल’ फोर्मेशन में थे.
गणतंत्र दिवस परेड की फ्लाई पास्ट में हिस्सा ले रहे भारतीय नौसेना के पीआई एंटी सबमरीन एयरक्राफ्ट और मिग29के फाइटर जेट ‘वरूणा’ फोर्मेशन में दिखाई दिए. इसके अलावा वायुसेना की ‘सारंग’ टीम के पांच (05) एएलएच हेलीकॉप्टर ‘तिरंगा’ फोर्मेशन में थे. फ्लाई-पास्ट की समाप्ति 17 जगुआर फाइटर जेट्स के साथ अमृत फोर्मेशन से थी जिसमें आसमान में ’75’ की आकृति बनानी थी. लेकिन राजपथ के आसमान में आए बादलों के चलते साफ से ये नहीं दिखाई पड़ी.
परेड खत्म होते ही राष्ट्रपति, पीएम और रक्षा मंत्री ने प्रेसिडेंट बॉडीगार्ड्स के घोड़े, विराट को पुचकारा, जो 13 साल से लगातार गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने के बाद आज सेना की सेवाओं से रिटायर हो रहा था. राष्ट्रपति के राजपथ से निकलने के बाद पीएम मोदी हर साल की तरह लोगों के बीच में पहुंचें और लोगों का अभिवादन स्वीकार किया.
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