[ad_1]
khargone violence: रामनवमी समारोह के दौरान मध्य प्रदेश के खरगोन में हुई हिंसा के बाद स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है लेकिन अफवाहों का बाजार गर्म है. पिछले चार दिनों से लगे कर्फ्यू की वजह से लोग अपने घरों के अंदर ही है. बुधवार रात अचानक पत्थरबाजी की अफवाह से एक बार यहां अफरातफरी मच गई. इसके बाद रात के वक्त पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स को गश्त बढ़ानी पड़ी. इस बीच, एक तरफ जहां राज्य की शिवराज सरकार ने कहा कि दंगाइयों को बख्शा नहीं जाएगा तो वहीं दूसरी तरफ खरगोन में प्रशासन ने जुमे के रोज़ घर पर ही नमाज पढ़ने की अपील की. प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि किसी को भी मस्जिद में नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी. इधर, केन्द्रीय मंत्री गिरिरीज सिंह ने खरगोन हिंसा पर कहा कि ये संयोग नहीं बल्कि प्रयोग चल रहा है. उन्होंने कहा वे हिन्दुस्तान को गली-मोहल्ला में नहीं बंटने देंगे.
शिवराज की कड़ी चेतावनी
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि उनकी सरकार दंगों में लिप्त पाए गए किसी व्यक्ति को नहीं बख्शेगी. उन्होंने हाल ही में खरगोन में हुई हिंसा में कथित तौर से शामिल लोगों के ‘अवैध ढांचों’ को गिराने की कार्रवाई को भी उचित ठहराया.
रामनवमी समारोह के दौरान आगजनी और पथराव की घटनाओं के बाद रविवार शाम से खरगोन में कर्फ्यू लगा दिया गया है. पुलिस हिंसा के सिलसिले में अब तक 121 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. चौहान ने महू कस्बे में एक सभा को संबोधित करते हुए सवाल किया, ‘‘(खरगोन में दंगाइयों द्वारा) अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों के घरों में आग लगा दी गई थी. ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए? चौहान ने बाबा साहेब आंबेडकर की 131वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी.’’ डॉक्टर भीम राव आंबेडकर का जन्म महू में हुआ था.
चार दिनों से खरगोन में कर्फ्यू
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कुछ लोग राज्य में दंगे फैलाने की साजिश कर रहे हैं. वे प्रदेश को आग लगाना चाहते हैं. मैं लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील करता हूं. लेकिन अगर कोई दंगा करता है, तो मामा (जैसा कि चौहान को लोकप्रिय तौर पर मध्य प्रदेश में कहा जाता है) छोड़ेगा नहीं. दंगाइयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी.’’
गौरतलब है कि रामनवमी के दिन खरगोन शहर के तालाब चौक से एक जुलूस निकाला था. आरोप है कि इसके कुछ देर बाद ही कुछ लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी. बीच में पुलिस ने स्थिति नियंत्रित की, लेकिन कुछ घंटे बाद हालात खराब हो गए. इसके बाद अहतियातन राज्य सरकार ने वहां कर्फ्यू लगा दिया. लोग 4 दिन से कर्फ्यू में जी रहे हैं.
ये भी पढ़ें: Khargone Violence: कर्फ्यू से ठप पड़े खरगोन में अब अफवाहों का जोर, रात के वक्त पुलिस और पैरामिलिट्री को बढ़ानी पड़ी गश्त
[ad_2]
Source link