अमेरिका में, हिंदू संगठनों की फंडिंग की जांच
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अमेरिका के कई राज्यों में 60 से अधिक हिंदू संगठन डेमोक्रेटिक सरकार के खिलाफ उतर आए हैं। खासकर कैलिफोर्निया और न्यूजस में जहां डेमोक्रेटिक पार्टी की सरकारों के खिलाफ विरोध शुरू हो गया है। दरअसल, हाल ही में न्यूजर्सी में टीनेक डेमोक्रेटिक म्यूनिसिपल कमेटी (टीडीएमसी) के अध्यक्ष एलेक्जेंड्रा मोरियानो-टावेरेस के में हिंदू संगठनों के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया गया। इसमें विश्व हिंदू परिषद, सेवा इंटरनेशनल, हिंदू स्वयंसेवक संघ समेत 60 संगठनों को फासीवादी बताया गया। प्रस्ताव में यह तक लिखा है कि- ‘ये संगठन नफरत और आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। भारत और अमेरिका मैं अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत फैलाते हैं। दूसरी ओर, डेमोक्रेटिक सीनेटर चॉब मेनेंडेज और कोरी बुकर को अमेरिका में सक्रिय हिंद संगठनों की फंडिंग की जांच करने
अमेरिका के हिंदू संगठनों का कहना है कि टीडीएमसी के प्रस्ताव में हिंदू संगठनों के बारे में बेहद आपत्तिजनक बातें की गई हैं। जबकि, इस प्रस्ताव को पेश करते समय हमें अपनी बात रखने का मौका ही नहीं दिया गया। प्रस्ताव एकतरफा सोच के तहत पारित कर दिया गया, जोकि नैतिक रूप से गलत है। इससे अमेरिका में रहने वाले हिंदुओं की छवि खराब हुई है। यह हमें बदनाम करने की साजिश है। कोई भी शांतिपूर्ण समुदाय पर दुर्भावनापूर्ण आरोप लगाता है तो उसे भी इसका परिणाम भुगतना पड़ता है।
डेमोक्रेटिक पार्टी की राज्य इकाई कैलिफोर्निया राज्य के साथ रही है ने भी प्रस्ताव को गलत बताया है। न्यूजसी में डेमोक्रेटिक पार्टी की राज्य इकाई ने टीडीएमसी के हिंदू विरोधी प्रस्ताव को गलत बताया है। राज्य इकाई के प्रवक्ता ने दैनिक भास्कर को बताया कि डेमोक्रेटिक पार्टी का मूलभूत लक्ष्य लोगों को साथ लाना है बांटना नहीं। हिंदू विरोधी प्रस्ताव इस महत्वपूर्ण लक्ष्य को पूरा नहीं करता है। हम उन लोगों के साथ खड़े हैं, जो समावेशिता और विविधता को महत्व देते है। किसी भी रूप में नफरत और कट्टरता के खिलाफ हैं।
हिंदू अमेरिकी फाउंडेशन (एचएएफ) ने कैलिफोर्निया राज्य के खिलाफ मुकदमा किया है। दरअसल, 2020 में दायर एक मुकदमे के अनुसार सिस्को के दलित कर्मचारी ने आरोप लगाया था कि उसके साथ उच्च जाति के हिंदू अधिकारियों ने भेदभाव किया। इस पर जातिगत भेदभाव का मुकदमा दायर हुआ। एचएएफ के वकील सुहाग शुक्ला ने कहा कि ये मुकदमा संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ है। जाति व्यवस्था हिंदू धर्म का मूल सिद्धांत नहीं है। ‘अमेरिका में पिछले दो महीने में हुई घटनाओं को लेकर हिंदू विरोधी लोगों ने इन संगठनों पर निशाना साधा था। पहली घटना स्वतंत्रता दिवस परेड की है, जिसमें बुलडोजर को उपलब्धियों का प्रतीक बताने की कोशिश की गई थी। कई अमेरिकी संगठनों ने इसे बंटवारे का प्रतीक बताकर आलोचना शुरू कर दी तो इस आयोजन को, रद्द करना पड़ा।इसके बाद सियासी और सामाजिक संगठनों ने साध्वी ऋतंभरा के कार्यक्रम का विरोध शुरू किया। इसलिए कार्यक्रम को भी रद्द करना पड़ा।
(विजय शंकर सिंह)