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स्मार्ट कार्ड से मिलेंगी गोलियां, लाइसेंसी हथियार रखने वाले अब नहीं कर सकेंगे घपलेबाजी

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<p style="text-align: justify;">दिल्ली पुलिस ने ऐसा सॉफ्टवेयर और स्मार्ट कार्ड बनाया है, जिसके जरिए राजधानी में सरकारी शस्त्र दुकानों समेत सरकारी लाइसेंस धारकों द्वारा इन दुकानों से होने वाली खरीद-फरोख्त पर पैनी निगाह रखी जा सकेगी। दिल्ली पुलिस ने इन स्मार्ट कार्डो को सरकारी शस्त्र लाइसेंस धारकों को बांटना शुरू कर दिया है. साथ ही राजधानी के सभी सरकारी हथियार बेचने वाली दुकानों को निर्देश दिए हैं कि वह अपने प्रत्येक रिकॉर्ड को डिजिटल कर लें.</p>
<p style="text-align: justify;">दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त लाइसेंसिंग संजय सिंह ने इस बाबत दिल्ली पुलिस की लाइसेंसी शाखा में दिल्ली के प्रमुख हथियार विक्रेताओं के साथ बैठक भी की. इस बैठक के दौरान संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा भी मौजूद थे. बैठक के दौरान सभी हथियार विक्रेताओं को दिल्ली पुलिस द्वारा निर्देश दिए गए कि वह अपनी प्रत्येक खरीद-फरोख्त अपनी दुकान में मौजूद स्टॉक आदि को डिजिटल करें. इसके लिए दिल्ली पुलिस ने एक सॉफ्टवेयर तैयार कराया है, जिसे धीरे-धीरे सभी हथियार दुकानदारों तक पहुंचाया जाएगा.</p>
<p style="text-align: justify;">इसके पहले दिल्ली के हथियार बेचने वाले दुकानदार रजिस्टर बनाते थे, जिसमें किस लाइसेंस धारक को कितना गोला बारूद बेचा गया इसकी जानकारी रखते थे. कई बार इन रजिस्टरों को ऐसी क्षति पहुंचती थी कि उनसे डाटा निकालना असंभव हो जाता था. ऐसे में दिल्ली पुलिस चाहती है कि सभी दुकानदार अपने अपने रिकॉर्ड को डिजिटल कर लें, जिससे उनको अपने काम को करने में आसानी हो सके और सरकारी एजेंसी द्वारा पूछे जाने पर वे तत्काल अपना रिकॉर्ड पेश कर दें.</p>
<p style="text-align: justify;">इसके साथ ही दिल्ली पुलिस राजधानी के सभी हथियार लाइसेंस धारकों को एक स्मार्ट कार्ड जारी करने जा रही है. लाइसेंस धारक यह स्मार्ट कार्ड लेकर सरकारी दुकान पर जाएगा. वहां दुकानदार उसके स्मार्ट कार्ड में यह जानकारी चढ़ा देगा कि इस स्मार्ट कार्ड का लाइसेंस धारक फलां फलां शख्स है, जिसका लाइसेंस नंबर यह है. इस लाइसेंस धारक को इसके लाइसेंस के लिए इतनी गोलियां अधिकृत तौर पर दी जा सकती हैं. इसके साथ ही यदि लाइसेंस धारक एक दुकान से 50 गोलियां खरीदनी हैं और उसका कोटा 200 गोलियों का है और उसके बाद वह दूसरी दुकान पर गोलियां खरीदने जाता है तो स्मार्ट कार्ड के जरिए दूसरा दुकानदार जान जाएगा कि वह पहले कितनी गोलियां खरीद चुका है और उसी हिसाब से उसे गोला बारूद मुहैया कराया जाएगा. दिल्ली पुलिस की कोशिश है कि इसके जरिए खरीद-फरोख्त में होने वाले घपलेबाजी पर कड़ी निगाह रखी जा सकेगी.</p>
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