Rastrawani News
ब्रेकिंग न्यूज़
प्रदेश

एईएस / चमकी बुखार से लड़ने के लिए विभाग तैयार- सीएस

मोतिहारी, पूर्वी चम्पारण  जिला स्वास्थ्य समिति और सेंटर फॅार एडवोकेसी एंड रिसर्च की तरफ से डीएचएस के सभागर में सोमवार को एईएस एवं वेक्टर जनित रोग पर मीडिया वर्कशॉप का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने की। वर्कशॉप का उद्घाटन  दीप प्रज्ज्वलित करते हुए सीएस डॉ अंजनी कुमार, डीएस डॉ आर के वर्मा, डीभीडीसीओ डॉ शरत चन्द शर्मा, केयर डिटीएल स्मिता सिंह, डीसीएम नंदन झा ने संयुक्त रुप से किया।  कार्यशाला के दौरान सीएस ने मीडिया कर्मियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि जिले में चमकी के प्रचार प्रसार के कारण इसके मामलों में सतर्कता से पहले के सालों में काफी हद तक कमी आई है। उन्होंने मीडिया से से कहा कि लोगों में जागरूकता लाने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। एईएस / चमकी बुखार से लड़ने के लिए विभाग तैयार सीएस डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि एईएस / चमकी बुखार से लड़ने के लिए विभाग पूरी तरह तैयार है। उन्होंने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं को ओआरएस एवं पारासिटामोल की खुराक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करा दी गयी है।जिला डीभीडीसी पदाधिकारी  डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने  कहा कि एईएस का जुड़ाव गर्मी और नमी से है प्रायः देखा गया है कि यह रोग मार्च अप्रैल की गर्मी के महीनो से शुरू होता है, एवं बरसात के समय मामलों में काफी कमी होती है। उन्होंने बताया कि हमें एईएस पर ज्यादा से ज्यादा जागरुकता फैलानी है, ताकि इस पर लोग जागरुक हो सकें। इसके लिए हम विभिन्न स्तरों पर कार्य रह रहे हैं। गांवों मे चमकी पर चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने उपस्थित मीडिया कर्मियों से भी अपील की, की चमकी के लक्षणों व बचाव के तरीकों को अपने खबरो में तरजीह दें। ताकि जागरूकता द्वारा जिले से चमकी के मामलों को कम किया जा सके। ध्यान रखना है कि जिले में जीरो से छह साल तक के जितने भी बच्चे हैं उनके अभिभावकों के मोबाइल में आंगनबाड़ी, गाड़ी के ड्राइवर, एएनएम का नंबर अवश्य हो ताकि सही समय पर बच्चे को उचित इलाज मिल सके। शाम के वक्त सुस्ती होने पर पीएचसी जाना, रात में खाना खिलाकर ही बच्चों को सुलाना और एम्बुलेंस या टैग वाहन का इंतजार न करते हुए किसी भी वाहन से तुरंत ही नजदीकी पीएचसी ले जाना। केयर डिटीएल स्मिता सिँह ने मीडिया से संदेशों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने को कहा। उन्होंने बताया कि केयर कर्मियों व ब्लॉक मैनेजरों द्वारा चमकी से  प्रभावित क्षेत्रों पर विशेष नजर रखी जा रही है l कार्यशाला के दौरान डीएस डॉ आर के वर्मा ने कहा स्वास्थ्य विभाग चमकी पर पूरी तरह सजग और सतर्क है। पीएचसी स्तर तक सुविधाएं संपूर्ण हैं। हरेक पीएचसी में वातानुकूलित दो बेड का वार्ड चमकी के लिए रिजर्व है।सदर अस्पताल में 10 बेड, अनुमंडलीय अस्पतालों में 5 बेड उपलब्ध है।वहीं ऑक्सीमीटर और ग्लूकोमीटर जैसे छोटे और उपयोगी उपकरणों सहित आवश्यक दवाओं की भी व्यवस्था है। हर पीएचसी में रैपिड रेस्पांस टीम और कंट्रोल रूम  है। प्रत्येक पंचयतों में वाहनों को टैग किया जा रहा है। अगर  किसी बच्चे में चमकी के लक्षण पाए जाते हैं तो पीएचसी से प्राथमिक उपचार के बाद ही उसे कहीं रेफर किया जाएगा। रात में भी लोगों को समुचित उपचार की व्यवस्था हो, डॉक्टर  और पारा मेडिकल स्टॉफ की व्हाट्सएप ग्रुप से मॉनिटरिंग होगी। उन्होंने बताया कि विभिन्न प्रखण्डों में साल 2020 में जिले में 27 वहीं 2021 में 14 मरीज पाए गए।मौके पर सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार, जिला भी बी डी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ शरत चन्द्र शर्मा, केयर डीटीएल स्मिता सिंह, डीसीएम नन्दन झा, जिला अनुश्रवण पदा विनय कुमार सिंह,सिफार के प्रतिनिधि अमित कुमार सिंह सहित अन्य लोग मौजूद थे।