पंचायती राज व्यवस्था के तहत ग्राम कचहरी के सरपंच के अधिकारों में सरकार ने इजाफा क्या किया कि आसन्न पंचायत चुनाव में इस पद के लिए उम्मीदवारों की बाढ़ सी आ गई है। कोई ऐसी पंचायत नहीं जहां सरपंच की उम्मीदवारी में पहले से इजाफा देखी नहीं जा रही है जबकि इससे पूर्व के पंचायत चुनाव में मुखिया का ही पद अहम माना जाता था। इसकी वजह थी कि पंचायत में मुखिया का रुतबा और उनको सरकार द्वारा अधिकार भी दिए गए थे जिसके कारण मुखिया पद के लिए सबसे ज्यादा मारामारी होती थी। इस बार पंचायती राज में बदलाव और सरपंच के शक्तियों में की गई बढ़ोतरी के कारण इस पद को लेकर भी लोगों में खासी दिलचस्पी दिख रही है। दरअसल सरकार ने आसन्न पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी करने से ठीक पहले पंचायती राज में बड़ा बदलाव का एलान किया जिसमें ग्राम कचहरी के सरपंच के शक्तियों में इजाफा किया गया। कई तरह के विकास कार्यों में भी सीधे तौर पर इनकी भूमिका सुनिश्चित कर दी गई है जिससे इस चुनाव में सरपंच का पद भी अब महत्व पूर्ण हो चुका है। इससे पूर्व सरपंच की दखलंदाजी विकास कार्यों में नहीं थी,