किसानों की क्या है परेशानी
हालांकि जिले के किसान इस बात से पूरी तरह इंकार कर रहे हैं। सत्तर कटैया प्रखंड क्षेत्र के पंचायत के किसान नंद किशोर खां ने बताया कि कई किसानों ने अभी तक अपने खेतों में एकबार भी यूरिया का छिड़काव नहीं कर पाया है। वजह साफ है कि कालाबाजारी में गरीब किसान खरीद नहीं सकते। कई किसान बाजार से यूरिया का वैकल्पिक लिक्विड खरीद कर छिड़काव कर रहे हैं। किसान पौधे को बचाने के लिए किसी ना किसी तरह से पानी डाल रहे हैं। आर्थिक रूप से कमजोर किसान कहां से बार-बार यूरिया का छिड़काव करेंगे? यूरिया की कमी का एक कारण यह भी बताया गया है कि कुछ अवैध कारोबारी उर्वरकों की दुकान पर आधार कार्ड लेकर जमा हो जाते हैं और यूरिया खरीद कर कालाबाजारी करते हैं। इस प्रकार के लोग दूसरे जिले में भी यूरिया भेजने का काम करते हैं। कई किसानों ने कहा कि किसान सलाहकार से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर अगर यूरिया का वितरण किया जाए तो सरकार के पास भी एक सही आंकड़ा पहुंच जाएगा तथा यूरिया का सही ढंग से वितरण भी हो जाएगा। कोई नियंत्रण नहीं है। यूरिया की जितनी जरूरत है किसानों को मिल ही नहीं रहा है।
By:- Amit Kumar