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छत्तीसगढ़ सरकार राममय हो गई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राम राम जप रहे हैं. सीएम कहते हैं सोते-जागते उठते-बैठते हमारे यहां राम राम कहने की संस्कृति है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा तुलसीदास ने जन जन तक रामायण पहुंचाने का काम किया है. सीएम ने कहा कि लोग पूछते हैं कि आप धार्मिक आयोजन क्यों कराते हैं. छत्तीसगढ़ से बाहर जाते हैं तो लोग इस प्रदेश को खनिज के नाम से जानते हैं या नक्सली के नाम से जाना जाता है. लेकिन यहां की परंपराएं हैं, संस्कृति है. रामायण, महाभारत से लेकर बौद्ध काल मे छत्तीसगढ़ रहा है. भूपेश बघेल ने कहा कि हमारे बिना कोई युग का उल्लेख नहीं हो सकता है. यहां के लोग राम को प्रिय थे. इसलिए प्रभु राम ने यहां वनवास का सबसे ज़्यादा समय बिताया. सीएम ने ये भी कहा की समाज को जोड़ने का काम त्रेता युग में भगवान राम ने किया. सीएम बोले हमें राम का नाम लेकर कोई लाभ नहीं लेना है इसलिए रामायण का कार्यक्रम सफल हुआ.
उन्होंने कहा कि हम सब राम के रास्ते के पथिक हैं. कृष्ण ने जोड़ने का काम किया. शंकराचार्य ने बद्रीनाथ से लेकर रामेश्वरम तक जोड़ने का काम किया. भगवान जितने भी अवतरित हुए सबने जोड़ने का काम किया. लेकिन आज जिस भगवान राम को देखकर शीतलता का एहसास होता है, उस भगवान राम को और हनुमान को युद्धक बना दिया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजरंग बली को क्रोधित कर दिया गया. सीएम ने सामने बैठी जनता से पूछा क्या ऐसी छवि आपके दिलो में थी. सीएम बोले कि जोड़ना हमारी मूल संस्कृति है, तोड़ने का काम स्वार्थी करते हैं. मैं रामायणमण्डलियों से कहना चाहता हूं कि आप जोड़ने की संस्कृति का विस्तार करें.
उन्होंने कहा कि राम का काम स्वार्थवश नहीं किया. हमें कोई लाभ नहीं लेना है, इसलिए रामायण का कार्यक्रम सफल हुआ है. हम सब राम के रास्ते के पथिक हैं.
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