बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा एक्शन में हैं।। उन्होंने अधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग की. मीटिंग में मुख्य सचिव-डीजीपी से लेकर कई विभागों के अपर मुख्य सचिव,प्रधान सचिव मौजूद रहे. विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकारियों को स्पष्ट लहजे में बता दिया कि विधायकों के साथ सम्मानजनक व्यवहार नहीं करने वाले अधिकारियोंको नहीं बख्शेंगे। इतना ही नहीं मुख्य सचिव से कहा कि विधानसभा में समय से जवाब नहीं देने वालों पर तत्काल एक्शन लें। विधान सभा अध्यक्ष ने मीटि्ंग में कहा कि हर हाल में सरकारी पदाधिकारी चाहे वह सचिवालय स्तर पर प्रतिनियुक्त हों या जिला,अनुमंडल या प्रखंड स्तर पर. विधायकों के साथ प्रोटोकॉल का पालन करें और उनके साथ सम्मान प्रदर्शित करें. अगर विधायक, विधान पार्षद फोन करते हैं तो अधिकारी उनका फोन अवश्य उठाएं और उनके प्रति सम्मानजनक व्यवहार करें. विधायकों के प्रति गैर जिम्मेदाराना व्यवहार कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसे मामलों को विशेषाधिकार हनन के तहत उठाए जाने पर गहन समीक्षा की जाएगी.विजय कुमार सिन्हा ने बैठक में मौजूद मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि इस संबंध में उनके स्तर से सभी पदाधिकारियों को पत्र भेजकर निर्देश दें .बैठक में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहा था कि सदन में प्रश्नोत्तर काल जनहित और सदस्यों के हित में होता है. नेता प्रतिपक्ष यादव भी सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए गंभीर हैं. इसलिए सभी पदाधिकारी प्रश्न एवं उनके उत्तर के लिए गंभीर और जिम्मेदार हों, ताकि जनता की समस्या के समाधान किया जा सके। अध्यक्ष ने स्पष्ट तौर पर कहा कि विधान सभा में सदस्यों द्वारा पूछे जाने वाले प्रश्नों का उत्तर ससमय विधानसभा सचिवालय को उपलब्ध कराएं. विभिन्न विभागों के द्वारा प्रश्नों के उत्तर देने में शिथिलता बरते जाने पर कड़ी आपत्ति दर्ज की और कहा कि 16वीं विधानसभा में पूछे गए प्रश्नों का जवाब की जब समीक्षा की गई तो पाया गया कि विभाग द्वारा कम ही सवालों के जवाब सचिवालय में भेजा गया है जो अत्यंत दुखद है. उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि हर हाल में निर्धारित तिथि से 5 दिन पहले विधानसभा सचिवालय को जवाब उपलब्ध कराएं, ताकि सरकार अपनी जवाबदेही मुस्तैदी से निभा सके. प्रश्नों के उत्तर उपलब्ध कराने में पदाधिकारियों की लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी.