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दिल्ली विधानसभा में आज बजट पेश हुआ, जिसके बाद बीजेपी ने बजट को लेकर केजरीवाल सरकार पर झूठ बोलने के आरोप लगाए हैं. बजट पेश होने के कुछ देर बाद ही दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता मीडिया से मुखातिब हुए और एक आरटीआई को दिखाते हुए बताया कि एक साल में 20 लाख रोजगार देने का दावा जो दिल्ली सरकार ने किया है, उसमें से अब तक केजरीवाल सरकार ने सिर्फ 440 रोज़गार ही दिए हैं.
आपको बता दें कि बजट में रोज़गार, शिक्षा, स्वास्थ्य को लेकर कई बड़ी घोषणाएं हुई हैं, लेकिन आदेश गुप्ता ने अरविंद केजरीवाल सरकार के बजट को एक झूठ का पुलिंदा बताया और साथ ही यह आरोप भी लगाया कि नए बजट में रोजगार देने के बड़े-बड़े दावे करने वाली केजरीवाल सरकार ने साल 2015 में 8 लाख रोजगार देने की बात कही थी, फिर 10 लाख रोजगार देने की बात कही गई और अब रोजगार देने की संख्या 20 लाख हो गई है. सच्चाई यह है कि अभी तक सिर्फ 440 रोजगार ही केजरीवाल सरकार दे पाई है, जिसका जवाब केजरीवाल सरकार द्वारा ही एक आरटीआई के जवाब में दिया गया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के बजट में आगामी वित्त वर्ष में 3062 करोड़ रुपये सामाजिक पेंशन के लिए आवंटित करने की बात की गई है, जबकि पिछले 2 वर्ष से दिल्ली वालों को सामाजिक पेंशन नहीं मिल रही और आवंटित राशि से लगभग दोगुनी राशि तो बकाया पेंशन बन गई है. उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बजट मे इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर फ्री बिजली वितरण का दायरा बढ़ाने और 20 प्रतिशत जल उत्पादन बढ़ाने का दावा किया है. वास्तविकता यह है कि सरकार लोगों को यमुना पेयजल नही बोरिंग के कच्चे पानी की सप्लाई बढ़ा कर अपनी पीठ थपथपा रही है.
यह सही है कि दिल्ली में पिछले कई सालों से लोगों को 200 यूनिट फ्री बिजली मिल रही है और इस बार भी इसको जारी रखने की घोषणा की गई है, लेकिन इस स्कीम को बीजेपी की तरफ से केजरीवाल सरकार की वोट बैंक स्कीम बताया गया है. आदेश गुप्ता ने कहा कि इस स्कीम का लाभ लगभग 20 प्रतिशत कनेक्शन धारियों को हो रहा है और इसकी कीमत महंगी बिजली दर एवं भारी शुल्क देने वाले दुकानदार, उधोग एवं मध्यम वर्ग के घरेलू उपभोक्ता चुका रहे हैं. उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा के बड़े दावे करने वाली सरकार ने साईंस म्यूजियम एवं नए बोर्डिंग बनाने की बजट में बात की है जबकि वर्तमान में 75 प्रतिशत से अधिक स्कूलों में साईंस पढ़ाने का प्रावधान ही नही. 745 स्कूलों में प्राध्यापक नहीं तो 415 में उप प्रधानाध्यापक नहीं हैं. दिल्ली सरकार के स्कूलों में लगभग 24000 स्कूल शिक्षकों के पद खाली हैं तो 22000 गेस्ट टीचर्स नियमितीकरण की बाट जोह रहे हैं.
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