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कृषि अपशिष्ट के मुद्रीकरण द्वारा उधमिता विकास थीम पर तीन दिवसीय कृषि मेला का शुभारंभ

समस्तीपुर ! कृषि शोध एवं शिक्षा की जन्मस्थली डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के परिसर में, पूर्वी क्षत्रिय तीन दिवसीय कृषि मेला 2022 का शुभारंभ शनिवार को हुआ। मेले का विधिवत उद्घाटन मुख्य द्वार पर फीता काटकर कुलपति ने किया। तो मंच पर दीप प्रज्वलित कर मेले के शुभारंभ की घोषणा की गई। आगत अतिथियों का स्वागत मिथिला परंपरा से किया गया। साथ ही विश्वविद्यालय के उत्पादों का एक गिफ्ट हैंपर भी दिया गया। मेले में बिहार, बंगाल, उड़ीसा आदि प्रदेश के स्टालों का प्रदर्शन किया गया। मुख्य अतिथि पद से मक्का अनुसंधान संस्थान लुधियाना के निदेशक डॉ सुजय रक्षित ने बोलते हुए कहां कि मक्का बिहार का एक प्रमुख फसल है। इस फसल से अनेकों चीज का उत्पादन किया जाता है। कई तकनीक इस विश्वविद्यालय में मौजूद है सिर्फ किसानों इससे लाभान्वित होने की आवश्यकता है। जहां तक अपशिष्ट वस्तुओं का सवाल है, उसमें ग्रामीण एवं कृषि अपशिष्ट को वर्मी कंपोस्ट उत्पादन हेतु सुखेत मॉडल का आविष्कार किया गया है। केले के रेशे से विभिन्न सजावटी एवं अन्य उत्पाद बनाने की तकनीक भी मौजूद है। मक्के के गोले से डिस्पोजल प्लेट अरहर के डंठल से पर्यावरण अनुकूल टेबल स्टैंड, कैटलरी सेट, कैलेंडर स्टैंड आदि भी बनाए जाते हैं। जिससे सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलता है। लीची के बीच से मछलियों का आहार बनाया जाता है इन अपशिष्ट को किसान पहले फेंक देते थे। लेकिन अब विश्वविद्यालय के प्रयास से इसे उपयोगी बना कर बेरोजगारी दूर करने का सकारात्मक प्रयास किया जा रहा है। मुख्य अतिथि पद से बोलते हुए डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रमेश चंद्र श्रीवास्तव ने मेले की विशेषता को बताते हुए कहा कि कृषि अपशिष्ट के मुद्रीकरण से ही उद्यमिता का विकास होगा। उन्होंने एक नारा दिया कूड़ा नहीं यह धन है, रोजगार का साधन है। इस मौके पर विश्वविद्यालय के बरीय वैज्ञानिकों के द्वारा लिखित अनेक पुस्तक एवं पुस्तिकाओ का भी विमोचन किया गया।
जिनमें प्रमुख पूर्वी क्षत्रिय किसी मेला 2022, कृषि यंत्रों का रखरखाव, डेयरी उद्यमिता विकास, उद्यानिकी फसलों में कीटनाशक के प्रयोग, धान की प्रमुख फसलों में कीटनाशक प्रयोग का उपाय, बिहार में किसानों की सहभागिता से संकर धान बीज उत्पादन, मधुमक्खी पालन इत्यादि। मौके पर डॉक्टर एमएस कुंडू, डॉक्टर सुजय रक्षित, डॉ आरके तिवारी, मणिनाथ झा, पुष्पा, डॉ केएन सिंह, जय कृष्ण झा आदि उपस्थित थे। मंच संचालन मीनाक्षी द्विवेदी एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ पुष्पा सिंह ने किया।
नाबार्ड का स्टॉल रहा आकर्षण का केंद्र
नाबार्ड संपोषित फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी द्वारा हल्दी पाउडर, आचार, सत्तु, उड़द बड़ी, मखाना, अखरोट, गोबर का गमला आदि का स्टॉल लगाया गया था। जिसमें सभी उत्पादों के बारे में जानकारी दी जा रही थी। मौके पर नाबार्ड के डीडीएम जयंत विष्णु मौजूद थे।
देहात बीच से बाजार तक
मेले में लगे देहात स्टॉल पर कंपनी के रोहित कुमार ने बताया कि देहात किसानों को बेहतर आर्थिक लाभ के लिए 20 से 50 तक सारी सुविधाएं देती है। जिसमें फसल बीमा, फसल खरीद, पशु आहार संबंधी, पशु देखरेख की पूरी जानकारी टोल फ्री नंबर पर देती है। इसकी पूरी लिस्ट देहात ऐप पर उपलब्ध है। वहीं देहात के स्टॉल पर बड़ी संख्या में किसान देखे गए। स्टॉल संचालन में अभिज्ञान पराशर सुनील सौरभ, विभाग कुमार, आसना सिंह, अशोक कुमार आदि थे। उजियारपुर बेलारी के किसान योगेंद्र सिंह का पर्पल कलर के फूल गोभी को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ।
किसानों को दी जा रही जैविक उत्पादों व खादों की जानकारी
किसान मेले में शिव शक्ति बायो टेक्नोलॉजी लिमिटेड के द्वारा स्टॉल लगा कर किसानों को जैविक उत्पादों एवं जैविक खाद के प्रयोग से मृदा की गुणवत्ता एवं उर्वरक क्षमता बढ़ाने के लिए जागरूक किया। इस अवसर बिहार प्रमुख के वेणुगोपाल राव एवं क्षेत्रीय प्रबंधक संतोष कुमार झा के निर्देशन में सुजीत कुमार, अभय रंजन एवं जय प्रकाश तिवारी द्वारा लोगों को उच्च तकनीकी टिश्यू कल्चर द्वारा तैयार सागवान, महोगनी आदि कैश क्रॉप की जानकारी दी गई।