मुजफ्फरपुर। संस्कार भारती की महानगर इकाई की ओर से शनिवार को नाट्यशास्त्र के जनक भरत मुनि की जयंती मनाई गयी। इस अवसर पर ‘नाटक की दिशा और दशा’ पर संगोष्ठी भी हुई। उद्घाटन अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। फिर भरत मुनि को पुष्पांजलि दी गयी। सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए।शुरुआत संस्था के ध्येय गीत और गणेश वंदना से हुई। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता डाॅ.संजय पंकज ने कहा कि नाटक में अब पहले की तरह निष्ठा नहीं रही। हमारे ऋषि मुनि भाव से कला को प्रदर्शित करते थे। कला में संपूर्ण निष्ठा और समर्पण चाहिए। कला आज बाजार में खड़ी है, जो काफी दुःखद है। अध्यक्षता महानगर अध्यक्ष डाॅ. ममता रानी ने की। कहा कि नाटक बहुत कठिन कला है। यह फिर से आम कलाकारों के बीच जाग्रत हो, इसे लेकर हम कृतसंकल्पित हैं। विषय प्रवेश गणेश प्रसाद सिंह ने कराया। संचालन महानगर सचिव प्रभात कुमार व धन्यवाद ज्ञापन महानगर उपाध्यक्ष डाॅ. एचएन भारद्वाज ने किया। मौके पर प्रांतीय महामंत्री संजय कुमार, रेणू कुमारी, सुबोध कुमार, सुधीरचंद्र वर्मा, उषा किरण, डीके सिंह, शिवशंकर मिश्रा, जितेन्द्र कुमार आदि भी मौजूद रहे।